Tuesday, March 30, 2010

देशभक्ती कि सजा और देशद्रोह का पुरस्कार

नमस्कार,

प्रथम पत्रिका मराठी भाषामे लिखने के बाद कोई वाचकोन्के आग्रह के खातिर दुसरी पत्रिका हम राष्ट्रभाषा हिंदी मे प्रकाशित कर रहे है l हमारी पहेली पत्रिका में हमने साध्वी श्री प्रज्ञा सिंग ठाकूर पे पोलीस कोठडी में हुए अत्याचारोंके बारे में लिखा था l आज हम अमिताभ बच्चन पे कॉंग्रेस कि तरफसे हो रही टीका के बारे में प्रकाश डालने कि कोशिश करेंगे l मेरी मातृभाषा और शिक्षा का माध्यम हिंदी नाही था तो मेरी और से कोई भूल हो जाये तो उसको सुधारने के सुझाव का स्वागत है l

श्री अमिताभ बच्चन ये भारत के चित्रपट दुनिया के बहोत बडे अभिनेता है l उन्होने अपने अतीत में अपने कोई राजनैतिक दोस्तोंके खातीर चुनावीय राजनीती में हिस्सा लिया था l पर समय चक्र के घुमते हि उनके रीश्तोंमे कडवाहत आ गयी उसके बाद अमितजी ने चुनावीय राजनीती से दूर राहणे का फैसला किया l अभीभी अपने राजनैतिक दोस्तोंके आग्रह पे वो कभी कभी राजनैतिक कार्यक्रमोमे हिस्सा लेते है l उनकी लोकप्रियता का उपयोग कई राज्योने किया है l पहले वो उत्तर प्रदेश के राजदूत थे अभी वो गुजरात जे राजदूत है l प्रगतीशील राज्योके सूची में गुजरात राज्य उंचे स्तर पे है l ऐसे राज्य का प्रसार अमितजी कर रहे है l

कॉंग्रेस पक्ष जो लोग चलाते है उनकी अमितजी से कोई व्यक्तिगत टकराव है और इसी वजहसे कॉंग्रेस शासित सभी राज्योन्मे अमितजी को मुख्य प्रवाह से दूर रखने कि कोशिश कि जा रही है l कॉंग्रेस पक्ष श्रेष्ठी राजनीती का उपयोग अपनी व्यक्तिगत दुष्मनी निकालाने के लिये कर रहे है l सभी कॉंग्रेस शासित राज्योन्मे अमितजी और उनके सुपुत्र अभिषेक पे प्रतिबंध लगाने कि साजीश हो रही है l

अमितजी और संपूर्ण बच्चन परिवार कट्टर देशभक्त है l उन्होने कभीभी देशद्रोही कृत्य नाही किया फिरभी उनके उपर प्रतिबंध लागाया जा रहा है l नरेंद्र मोदिजी का समर्थन करने का आरोप उनके उपर लगाया जा रहा है l २००२ को पीछे छोडकर सामर्थ्यवान और परिपूर्ण गुजरात बनाने के लिये नरेंद्र मोदिजी दिन रात एक करके काम कर रहे है l लेकीन विपक्ष और माध्यम के लोग उसमे बाधा ला रहे है l नरेंद्र मोदिजी को मौत के सौदागर कहा जा रहा है और अमितजी के उपर उनका समर्थन करते है इसलिये प्रतिबंध लगाया जा रहा है l दुसरी तरफ कुछ अभिनेता खुलेआम पाकिस्तान का समर्थन करने कि भाषा करते है और कॉंग्रेस शासित राज्योन्मे उनके चित्रपट प्रदर्शन के लिये २२,००० पुलिसकर्मी तैनात किये जाते है l इस कृत्योंसे कॉंग्रेस के दोहरे मानक का प्रदर्शन हो रहा है l देशभक्ती और देश के विकास में योगदान देने कि सजा प्रतिबंध और देशद्रोह का पुरस्कार पुलिस संरक्षण ऐसी स्थिती इस देश में पैदा हुई है l

--सुदर्शन

2 comments:

  1. शाहरूख खान के चित्रपट के वक्त शिवसेना के अलावा किसी भी राजनितिक पार्टी ने इसका विरोध नही किया था....और अमितजी का समर्थन करने शिवसेना ही सबसे पहिले आगे आई थी...

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  2. I have always found politics to be a very funny game, support for a particular person/party changes in a jiffy. How can you forget the rift that Bal Thackeray had with AB for "not inviting him to Abhi-Ash wedding"? I mean all that goes on in political circles is nothing but a race of taking advantage of a situation. It's all how media presents a particular situation and how common man takes it.

    P.S. Thanks for writing this blog in Hindi..much appreciated!

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